Sunday, February 17, 2013

Love you maa



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हे माँ अपने आँचल में मुझे पनाह दे दो,
अपने इस लाडले को थोड़ी सी जगह दे दो,
ऊब चूका हूँ दुनिया के सिकंजे से इसमें जीने की वजह दे दो...

माँ छुड़ाना न ऊँगली कभी भी मुझसे ,
मुरझा जायेगा तेरा फूल खिलते खिलते,
माँ छुपाया है तुने आँखों में इतने आंशु,
की सागर भी समां जाये इसमें हँसते हँसते....

मुझे याद हे माँ वो लोरी तुम्हारी,
मेरे पसंद का खाना और सुखी रोटी तुम्हारी,
आती है याद वो रातें तुम्हारी,
 वो बचपन की लोरी और बातें हमारी...

एक ममता की झलक के लिए तड़पता मै अब हूँ,
माँ रातो को जगकर बहकता मै अब हूँ...

माँ, पापा ने दिया हमको सुखों का साया,
अपनी भावनाओं को दबा कर हमें यहाँ तक पहुँचाया,
उनकी ऊँगली पकड़ने को तरसता मै अब हूँ,
माँ रातों को जागकर बहकता मै अब हूँ
माँ रातों को जागकर बहकता मै अब हूँ ....

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